महामारी के दौर में अब और आने वाले समय में डाइट कैसी होनी चाहिए?

महामारी के दौर में अब और आने वाले समय में डाइट कैसी होनी चाहिए?

सेहतराग टीम

पूरा विश्व कोरोना की लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन अभी तक कोई हल इससे बचने का नहीं निकाला जा सका है। मतलब अभी तक इससे बचने के लिए कोई वैक्सीन या दवा नहीं मिल पाई है, जो स्थिति को काफी डरावना बनाता है। ऐसी स्थिति में लोगों को घरों में रहकर ही इस वायरस से जंग जितनी होगी। वहीं लोगों को अपने खान-पान को मजबूत करने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम भी बेहतर करना होगा और इम्यूनिटी बढ़ाने का जरिया भी यही एक है। लेकिन एक तरह का खाना जहां कोरोना का खतरा बढ़ाता है, वहीं दूसरे तरह का खानपान इस वायरस से आपकी रक्षा करता है। इसे देखते हुए पेटा की प्रेसिडेंट इंग्रिड ई न्यूकिर्क ने डब्ल्यूएचओ को चेतावनी दी है कि अगर एनिमल मार्केट बंद नहीं होंगे तो अगली महामारी का खतरा मंडराता रहेगा। एनिमल मार्केट की परिस्थितियां वायरस फैलने के अनुकूल होती हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी का कारण वुहान के मीट मार्केट को ही बताया जा रहा है।

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पेटा से जुड़ी लेखिका पुरवा जोशीपूरा ने कोविड 19 महामारी से अपनी किताब फॉर ए मोमेंट ऑफ टेस्टमें महामारी का खतरा जताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि खाने से जुड़ी आपकी पसंद-नापसंद ही अगली महामारी का कारण या समाधान बन सकती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। आइए, जानते हैं कि इस संबंध में क्या कहते हैं डाइटिशियन और विशेषज्ञ-

नॉर्थ-सेंट्रल रेलवे प्रयागराज के सेंट्रल अस्पताल की डाइटिशियन अपर्णा सक्सेना ने बताया कि नॉनवेज या अंडे खाने से नहीं, लेकिन इसे पकाने के प्रोसेस में खतरा जरूर है। कोई रिपोर्ट यह नहीं कहती है कि नॉनवेज के सेवन से खतरा है। हालांकि, जहां से नॉनवेज आ रहा है, वहां कितनी संक्रमण की आशंका है, यह हम नहीं जान सकते हैं। कच्चे मांस से संक्रमण की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

भारतीय थाली है पौष्टिक भोजन

अपर्णा सक्सेना ने बताया कि इंडियन थाली अच्छे से खाएं। खाने में हल्दी, अदरक, लहसुन, कालीमिर्च और दालचीनी का इस्तेमाल करें। ये आपकी इम्युनिटी को बेहतर बनाएंगे। याद रहे कि इम्युनिटी एक-दो दिन में बेहतर नहीं होती है। ये एक लंबी प्रक्रिया है। नींबू खाने से भी इम्युनिटी बेहतर होती है। यह बेहतर एंटी-ऑक्सीडेंट है। नींबू दाल में डाल सकते हैं या नींबू पानी भी पी सकते हैं।

क्या और कैसे खाएं

  • ढेर सारे खाना न खाएं। थोड़ी-थोडी देर पर खाते रहना चाहिए।
  • पानी लगातार पीते रहना चाहिए। तीन से चार लीटर कम से कम।
  • अंडे का सेवन करें। अच्छी तरह उबाल लें इन्हें।
  • प्रोटीन के लिए दूध, दही का सेवन करें। दही से गुड बैक्टीरिया बढ़ता है।
  • सभी तरह की दालें खाएं। ये प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
  • सीजनल चीजें ज्यादा सेहतमंद होती हैं। मौसम के हिसाब से फल-सब्जी लें।
  • नट्स और तुलसी का सेवन करें। काढ़ा भी पी सकते हैं।
  • अच्छी इम्यूनिटी के लिए आठ घंटे की नींद जरूरी है। तनाव से बचें।

क्या नहीं खाना है

  • फ्रोजेन फूड, ज्यादा मैदे वाली चीजें, ज्यादा शर्बत, ज्यादा जूस, कोल्ड ड्रिंक और से जंक फूड बचना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड और मीठी चीजों से भी बचना चाहिए।
  • खाने की अच्छी आदत के लिए टिप्स
  • बच्चे में फैमिली से अच्छी आदत आती है।
  • अगर मां अच्छा खा रही हैं तो बच्चा वही खाएगा।
  • बच्चों को बताएं कि फास्ट फूड के क्या नुकसान हैं।

शाकाहार करेगा सुरक्षित

संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (जैविक विविधता) की कार्यवाहक कार्यकारी सचिव एलिजाबेथ मारूमा म्रेमा ने हाल में ही कहा है कि हमें जो संदेश मिल रहा है, वह यह है कि अगर आप प्रकृति का ध्यान नहीं रखते हैं, तो वह आपका ख्याल कैसे रखेगी। आप प्रकृति की देखभाल कर रहे हैं, इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को शाकाहारी बना लें।

मीट का व्यापार हमारे जीवन को खतरे में डाल रहा है। कोविड 19 से पहले सार्स महामारी का कारण भी लाइव-मीट मार्केट था। अमेरिकी यूनिवर्सिटी ऑफ हाउस्टन के एसोसिएट प्रोफेसर पीटर ली ने भी चेतावनी दी है कि इन वेट मार्केट में किसी वायरस के फैलने की पूरी आशंका रहती है। इससे पहले 1998 में अमेरिका से फैले एच1एन1 स्वाइन फ्लू ने दुनिया में 5.75 लाख लोगों की जान ले ली थी। इबोला और एचआईवी का कारण भी पशु ही रहे हैं।

ये हैं खतरे

  • एंटीबाडीज का इस्तेमाल मानव स्वास्थ्य से ज्यादा एनिमल एग्रीकल्चर में हो रहा है।
  • संक्रमण से हर साल भारत में 58 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है।  

(साभार-दैनिक जागरण)

 

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